Lohaghat: अद्वैत आश्रम मायावती का पंचायत वन: एक अनोखा और अग्निरोधी जंगल,

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जलवायु परिवर्तन के चलते तापवृद्धि का प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। खासतौर पर उत्तराखंड, जहां 60 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र वन से आच्छादित है, जंगलों में आग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। लेकिन इसी प्रदेश में एक ऐसा जंगल भी है जो दशकों से आग की चपेट में नहीं आया। यह जंगल है अद्वैत आश्रम मायावती का पंचायत वन, जो अपनी प्राकृतिक संरचना और जैवविविधता के लिए जाना जाता है।

पंचायत वन की विशेषता

उत्तराखंड के चंपावत जिले में स्थित अद्वैत आश्रम मायावती का पंचायत वन लोहाघाट नगर से नौ किलोमीटर दूर स्थित है। 152 हेक्टेयर में फैले इस मिश्रित जंगल में मानवीय हस्तक्षेप न के बराबर है। यहाँ हर एक वृक्ष स्वामी विवेकानंद को समर्पित है।

अग्निरोधी जंगल

इस जंगल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह दशकों से किसी भी तरह की आग की चपेट में नहीं आया। इसके पीछे मुख्य कारण हैं:

  • घना और संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र
  • कम मानवीय हस्तक्षेप
  • स्वाभाविक रूप से नमी बनाए रखने वाली वनस्पति

वन्यजीवों की शरणस्थली

यह जंगल जैवविविधता से भरपूर है और पूरे देश के लिए मॉडल फॉरेस्ट का प्रतीक बन चुका है। यहाँ बुरांश, काफल, उतीश, रियांज, खरसू और बांज (ओक) के वृक्षों की भरमार है। जंगल इतना सघन है कि सूर्य की किरणें भी मुश्किल से जमीन तक पहुंचती हैं।

बंगाल टाइगर का सुरक्षित आशियाना

मायावती के इस जंगल में हाल के वर्षों में बंगाल टाइगर ने भी अपना स्थायी ठिकाना बना लिया है। जंगल से बाहर निकलने पर यह अक्सर दिखाई देता है। इस क्षेत्र में अनुकूल परिस्थितियाँ होने के कारण अन्य वन्यजीव भी यहाँ स्वछंद विचरण करते हैं।

निष्कर्ष

अद्वैत आश्रम मायावती का पंचायत वन उत्तराखंड के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है। प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखने और जैवविविधता को संरक्षित करने का यह एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यदि अन्य जंगलों की भी ऐसी ही देखभाल की जाए, तो जंगलों में आग लगने की घटनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

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